『جـسـت سـꪆلـي🌷❕•』 :
وعلي عبالي ولد لحد ماشفت الكتابه 🗿धिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हाधिक्कार है तुम्हारे पिता पर, जिसने तुम्हें पाला, तुम कुतिया के बेटे, तुम बड़े होकर एक कंजूस व्यक्ति बन गए, ओह, कैसा प्यार है धिक्कार है तुम्हा
2025-05-19 10:05:31